motivational story in hindi
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आज से करीब 2300 साल पहले एथेंस के बहुत ही गरीब परिवार में सुकरात का जन्म हुआ और उसकी बातों और आचार विहार से वह सूफी जान पड़ता था सूफियों की भाँति साधारण शिक्षा तथा मानव सदाचार पर वह जोर देता था motivational story in hindi और उन्हीं की तरह पुरानी रूढ़ियों पर प्रहार करता था। वह कहता था, “”सच्चा ज्ञान संभव है बशर्ते उसके लिए ठीक तौर पर प्रयत्न किया जाए; जो बातें हमारी समझ में आती हैं या हमारे सामने आई हैं, उन्हें तत्संबंधी घटनाओं पर हम परखें, इस तरह अनेक परखों के बाद हम एक सचाई पर पहुँच सकते हैं। ज्ञान के समान पवित्रतम कोई वस्तु नहीं हैं।’

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लेकिन रूढ़िवादी परम्पराओं पर प्रहार करने के कारण ही एथेंस के सारे प्रतिष्ठित व्यक्ति उसके दुश्मन बन गए थे बोलने की बेबाकी और अनोखपन ही था जो एथेंस की सड़को पर सुकरात तमाम उन लोगो को बेनकाब करता और उनके विरुद्ध में बाते बोलता जो प्रभावशाली थे और अंत में सुकरात पर इल्जाम लगाया गया कि-motivational story in hindi

” इसने युवा लड़को के मस्तिस्क को भ्रष्ट करने का जुर्म किया है और राज्य के द्वारा मान्यता प्राप्त देवी देवताओं में विश्वाश करने की बजाय वह अपने बनाये गए देवी देवताओं को मानता है ।” जब अदालत में ज्यूरी ने सुकरात को दोषी ठहराया उन इल्ज़ामों के लिए जो उस पर लगाये गए थे तो उसने बड़ी शांति से उस फैसले को सुना और कहा ” मेरी विदाई का समय आ गया है मैं अब मरने जा रहा हूँ और आप जीने लेकिन इस में कौनसी घटना अधिक सुखद है इस बारे में केवल ईश्वर जानता है । ”best motivational story in hindi

सुकरात को सज़ा सुनाने के बाद क्रिटो जो कि सुकरात का एक धनवान शिष्य था उसने सुकरात को अनुरोध किया कि अगर वो चाहे तो जेलर को बहुत सारा धन देकर वो उसे छुड़वा सकते है लेकिन सुकरात ने मना कर दिए कि अगर हर नागरिक कानून तोड़े तो प्रशासन कैसे चलेगा और सुकरात का एक शिष्य फेडो जो उसके साथ उसके अंतिम पल तक था उसने सुकरात के मृत्यु के समय का वर्णन किया है कि सुकरात को दिन भर घोटकर तैयार किये हुए जहर हैमलॉक दिया गया जिसकी विशेषता थी कि बिना किसी पीड़ा के किसी को इसे पिलाकर मृत्यु दी जा सकती थी ।

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जिस दिन सुकरात को सज़ा दी जानी थी उस दिन सूर्यास्त होने पर जेलर सुकरात से मिलने आया और उस से कहा कि निश्चित ही तुम दुनिया के सबसे बुद्धिमान पुरुष हो क्योकि तुमने कभी बाकी दूसरे कैदियों की तरह मुझे कोसा नहीं क्योकि तुम जानते हो मैं केवल सरकारी हुकुम की तामील कर रहा हूँ और जब अब तुम्हारे साथ ये होने वाला है इसे जितना हो सके सहजता से झेलना और ये कहते कहते वो रो पड़ा ।

सुकरात ने कहा अब जहर ले आओ तो क्रिटो ने कहा थोड़ी देर रुक जाइए क्योकि बाकि कैदी तो इस घडी को टालते है और आधी रात तक जहर नहीं लेते तो सुकरात ने जवाब दिया की मैं ऐसा करूंगा तो अपनी ही नज़रो में गिर जाऊंगा क्योकि उनके लिए तो ये स्वाभाविक है तुम जहर ले आओ तो अधिकारी जहर ले आया और सुकरात ने कहा कि क्या वो इसे पीने से पहले प्रार्थना तो कर सकते है ताकि इस जगत से उस जगत में उसका प्रवेश सुगम हो और इसके साथ सुकरात एक घूँट में पूरा जहर पी गया ।best motivational story in hindi

थोड़ी देर बाद उसका नीचे का शरीर सुन्न पड़ गया तो जब जहर कमर तक पहुंचा तो सुकरात ने खुद पर ढकी चादर उठाकर कहा कि असलेपियस देवी को मुर्गा भेंट कर देना और इसे भूलना नहीं । क्रिटो ने कहा की ये हो जायेगा और कुछ कहना चाहे तो कहे ।

सुकरात ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया और कुछ देर बाद प्राण त्याग दिए लेकिन ये हैरानी का विषय था कि सत्तर साल की आयु तक जो व्यक्ति इतनी बेबाकी से जिया और रूढ़िवादी लोगो पर अपने प्रखर बुद्धि के द्वारा प्रतिष्ठित लोगो का जीना हराम कर दिया और हस्ते हस्ते जहर का प्याला पिया उसे क्यों एस्लेपियल देवी को मुर्गा भेंट करना था ।short motivational story in hindi with moral

क्योकि वो इसलिए की असलेपियल स्वस्थ्य की देवी थी और जो स्वस्थ हो जाता वो उसे मुर्गा भेंट करता था तो सुकरात का ये कहना एक नए और स्वस्थ जीवन में प्रवेश होने का संकेत था न की मृत्यु और जीवन के समापन का । तो इस तरह एक दार्शनिक की अनूठे जीवन और उतनी ही अनूठी मृत्यु की ये कहानी है जिसे प्लेटो ने संकलित किया है |motivational story in hindi

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